मौत के बाद क्या होता है आत्मा के साथ ?मृत्यु के बाद यमलोक पहुंचने में कितने दिन लगते है ?

मरने के बाद यमदूत मृत व्यक्ति की आत्मा को बाँध लेते हैं। यमलोक  के रास्ते में जब आत्मा थक जाती है ,तो उसे आराम करने के लिए रुकने की अनुमति नहीं होती है।इसके बजाय मौत के देवता आत्मा को उस दर्द के बारे में अवगत कराकर डराते हैं ,जो उसे यमलोक में मिलने वाला है। 

यमलोक के बारे में इन भयावह कहानियों को सुनकर आत्माएं जोर जोर से रोने लगती हैं। लेकिन यमदूत कोई सहानुभूति नहीं दिखाते हैं। इसके बाद आत्मा को अपने जीवन भर किए गए पापों का स्मरण......

मौत के बाद क्या होता है आत्मा के साथ ?मृत्यु के बाद यमलोक पहुंचने में कितने दिन लगते है ?

मृत्यु एक सत्य है जिसे कोई भी नकार नहीं सकता। मृत्यु के बाद स्वर्ग और नर्क की मान्यता है। पुराणों के अनुसार जो लोग जीवन में अच्छा काम करते हैं वो स्वर्ग में जाते हैं और जो पाप करते हैं वह नरक में पहुंचते हैं लेकिन आत्मा यमलोक में यमराज के पास कैसे जाती है इस बात का जवाब गरुड़ पुराण में बताया गया है।


गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति किस प्रकार मरता है और वह किस तरह एक आत्मा का रूप धारण करता है, और किस तरह उसके कर्मों के अनुसार उसे प्रदान करने वाले फलों का निर्णय लिया जाता है।



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हर -हर महादेव !प्रिय पाठको

विश्वज्ञान में आपका स्वागत है। मित्रों आगे बढ़ने से पहले हम आपको बता दें कि आध्यात्मिक विकास के लिए पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़े। जिससे पूर्ण ज्ञान प्राप्त हो सकें।



मौत के बाद क्या होता है आत्मा के साथ ?मृत्यु के बाद यमलोक पहुंचने में कितने दिन लगते है ?
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गरुड़ पुराण के अनुसार जब व्यक्ति मरने वाला होता है वह बोल नहीं सकता भले ही वह चाहे जीवन के अपने अंतिम क्षणों में दिव्य दृष्टि उसके भीतर उत्पन्न होती है और वह पूरी दुनिया को समझने में सक्षम होता है। उसकी सारी इंद्रिया नष्ट हो जाती हैं और वह हिलने डुलने में असमर्थ हो जाता है। इसके बाद उसके मुंह से लार टपकने लगती है। ऐसा व्यक्ति जिसने जीवन में कई पाप किए हैं। उसके प्राण शरीर के निचले द्वारों से निकलते हैं अर्थात उसके प्राण शरीर छोड़ते समय मल या मूत्र की जगह से बाहर निकलते हैं। 


क्या जीवित व्यक्ति को गरूड पुराण पढ़ना चाहिए 



मौत के बाद क्या होता है आत्मा के साथ ?मृत्यु के बाद यमलोक पहुंचने में कितने दिन लगते है ?
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उस समय मौत के 2 देवता उसको अपने सामने खड़े दिखाई देते हैं। जो देखने में बहुत ही भयानक लगते हैं। यमदूत कौवे की तरह काले होते हैं। उनके चेहरे आकार हीन होते हैं और उनके नाखून उनके हथियार होते हैं. ऐसे व्यक्तित्व को देखकर मानव घबरा जाता है और  कभी-कभी पेशाब या मल त्याग देता है। दूत तुरंत उस मृत व्यक्ति की आत्मा को बाँध लेते हैं। यमलोक  के रास्ते में जब आत्मा थक जाती है ,तो उसे आराम करने के लिए रुकने की अनुमति नहीं होती है।



इसके बजाय मौत के देवता आत्मा को उस दर्द के बारे में अवगत कराकर डराते हैं ,जो उसे यमलोक में मिलने वाला है। यमलोक के बारे में इन भयावह कहानियों को सुनकर आत्माएं जोर जोर से रोने लगती हैं। लेकिन यमदूत कोई सहानुभूति नहीं दिखाते हैं। इसके बाद आत्मा को अपने जीवन भर किए गए पापों का स्मरण होने लगता है।  आत्मा को जलती हुई रेत में भूखा प्यासा लगातार बिना रुके चलाया जाता है। यह वह समय है जब यमदूत आत्मा को चाबुक से मारना शुरू कर देते हैं। 




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वह आत्मा कई बार नीचे गिरती है ,बेहोश हो जाती है और फिर से चलने के लिए उठती है। इस तरह मृत्यु के देवता एक अंधकार भरे मार्ग के माध्यम से आत्मा को यमलोक ले जाते हैं। जहां उसे पहुंचने में कुल 47 दिन लगते हैं। यमलोक  पहुंचने के बाद आत्मा को वह स्थान दिखाया जाता है जहां उसे यातनाएं भोगते समय रहना है। 


और फिर वह अंत में यमराज से मिलती है इसके बाद यमदेव उस आत्मा के द्वारा किए गए पापों के अनुसार उसके लिए यातनाये निर्धारित करते हैं। और अंत में जब तक उस आत्मा के द्वारा किए गए पाप कर्म नष्ट नहीं हो जाते वह नरक में भयंकर यातनाएं भोगती रहती हैं।  

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आशा है आपको जानकारी पसंद आई होगी। इसी के साथ अपनी बात हम यही समाप्त करते है और भोलेनाथ से प्रार्थना करते है की वे आपके जीवन को मंगलमय बनाये व आपके सभी मनोरथ सिद्ध करें।


धन्यवाद 

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