सच्चे दोस्त होते है पिता/पिता का महत्त्व /घर की ढाल होते है पिता

धरती पर माँ के महत्व को बहुत तरह से बताया गया है ,जो सच है ,झूठ नहीं। माँ का दर्जा तो भगवान् से भी ऊचाँ है। इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता। और अगर इस बात को यदि झुठलाया नहीं जा सकता तो ,इस बात को भी जरूर मानना चाहिए की माँ के साथ -साथ ,पिता का महत्व माँ से दुगना ,तिगुना होता है। हम ये नहीं कहते कि माँ कुछ नहीं होती। माँ बहुत कुछ होती है। 

हर हर महादेव प्रिय पाठकों 

भोलेनाथ का आशीर्वाद आप सभी को प्राप्त हो।

सच्चे दोस्त होते है पिता/पिता का महत्त्व /घर की ढाल होते है पिता

प्रिय पाठको ! जीवन में हर व्यक्ति का कोई न कोई महत्व है। चाहे वो कोई भी हो। माता -पिता ,भाई -बहन ,मित्र ,शत्रु। कोई भी ,सबका अपना महत्व है। आपको अपनी माँ ,भाई -बहन ,दोस्त और यहाँ तक की दुश्मनो के बारे में भी सब कुछ पता होता है , कि कौन कैसा है ,कौन अच्छा है, कौन बुरा है , क्योकि आप इन सब के ज्यादा करीब होते है। स्कूल में दोस्तों के साथ रहते हो ,घर में भाई -बहन और माँ के साथ रहते हो। 


इन सब लोगो के बीच में यदि आप किसी से दूर है और जिनके बारे में आप नहीं समझते , नहीं जानते , वो है आपके प्यारे पूज्य पिता। जी हाँ !  पिता एक ऐसे इंसान ,जिन्हे समझ पाना सबके बस की बात नहीं। और न समझ पाने का जो एक कारण सबसे बड़ा है वो ये कि आप उनके साथ बहुत कम समय बिताते है। आपके स्कुल समय में -- जब आप स्कूल जाते है तब वो सोये हुए होते है या जगे हुए भी हो तो एक नमस्ते के अलावा आप उनसे कोई बात नहीं करते और स्कूल चले जाते है। 


इसमें आपकी गलती नहीं आप उस समय चाह कर भी बात नहीं कर सकते क्योकि आपको स्कूल के लिए देर हो रही होती है।और आपके जाने के बाद आपके पिता ऑफ़िस चले जाते है। रात को उनके आने से पहले आप सो जाते है। इस तरह से आप उनके पास होते हुए भी उनसे दूर होते है। बहुत कम बच्चे होते है जो इस दूरी को महसूस करते है और उन्हें समझते है। 


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धरती पर माँ के महत्व को बहुत तरह से बताया गया है ,जो सच है ,झूठ नहीं। माँ का दर्जा तो भगवान् से भी ऊचाँ है। इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता। और अगर इस बात को यदि झुठलाया नहीं जा सकता तो ,इस बात को भी जरूर मानना चाहिए की माँ के साथ -साथ ,पिता का महत्व माँ से दुगना ,तिगुना होता है। हम ये नहीं कहते कि माँ कुछ नहीं होती। माँ बहुत कुछ होती है। 


माँ के बिना धरती पर कुछ नहीं है ,किसी बात का कोई महत्व नहीं। माँ के बिना जीवन में यदि कुछ नहीं है तो पिता के बिना भी ये जिंदगी वीरान है। सबकुछ होते हुए भी कुछ नहीं है। पिता आधार होता है जिंदगी का ,जिनके बिना जीने का कोई मतलब नहीं। जो समुन्द्र जैसी गहराई को अपने अंदर समेटे हुये , जिंदगी के हर उतार -चढ़ाव को बहुत आसान कर देने में सक्षम होते  है। (हर परेशानी को बहुत आसानी से सुलझा देते है)  


जरूरत पड़ने पर वो अपने बच्चो के लिए अपने रक्त (ख़ून )की एक-एक बूँद को बेच डालने से कभी पीछे नहीं हटते , ऐसे महान होते है पिता। गर्मी की धूप ,सर्दी की ठंड और बारिश के पानी से बचाने वाली छत होती है पिता। बेटियों का स्वाभिमान होते है पिता। बेटियों के  प्यारे ,दुलारे ,जीवन रक्षक है पिता। बेटों के दिल के राजा और सच्चे दोस्त होते है पिता। आपकी माँ के सिर का ताज ,अभिमान ,सुहाग ,प्यार व उनका मान -सम्मान होते है पिता। 


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माँ यदि रातों की लोरी है ,तो दिन की नई किरण है पिता। माँ दर्द है तो दवा है पिता(माँ यदि आपके लिए चिंता करती है ,तो उस चिंता को हमेशा के लिए मुक्त करता है पिता )धरती ,अम्बर ,चाँद और सूरज से क्या तुलना करें ,पूरा ब्रह्माण्ड है पिता। धरती पर रह कर बच्चो को --अम्बर तक पहुंचाने और चाँद ,सूरज से चमकाते रहने की जो ,अपने में अटूट हिम्मत रखते है वो हिम्मत है पिता। जीवन जीने की सही दिशा दर्शाते है पिता। 


पिता घर की हरियाली है ,जिनके न होने पर घर वीरान हो जाता है (पिता के न होने पर बच्चों की बेकद्री हो जाती है,घर का हाल बेहाल हो जाता है) पिता से ही आपका नाम है , पिता से ही आपकी ,शान। पिता ही संस्कार है ,पिता ही भगवान्।पिता ही पहचान आपकी ,पिता ही परछाई है। जिनकी ऊँगली पकड़कर चलना सीखा, जिनके काँधे पर बैठ कर ये जहाँ देखा ,वो लाठी ,वो नज़र है पिता। 


आपके आँसू ,आपकी हंसी ,आपकी नींद ,आपकी ख़ुशी है पिता। पिता आशीर्वाद है आपका ,आपकी हस्ती है पिता। पिता ज्ञान है ,विज्ञान है पिता। पिता का रूतबा सबसे ऊँचा बिलकुल भगवान समान। सबको एक धागे में पिरोकर रखें ,वो बरगद की छाँव है पिता। बाहर से कठोर तो ज़रूर होते है पर अंदर से फूलों की तरह कोमल। दुश्मनों व जिंदगीं की ठोकरों से बचा व अनुभवों से भरा हुआ हमारे जीवन रक्षक है पिता। 


परिवार के लिए तन ,मन धन से जो हर पल तत्पर रहे। मुसीबत के समय जो हर पल खड़े रहे। काँटो और अंगारो पर चलकर हर चीज़ उपलब्ध कराते ,हमने देखा है उन्हें दिन -रात काम करते। दिनभर के परिश्रम से थके होने के बावजूद भी ,आपके एक बार कहने से की पापा आज घुमाने ले चलो ,तो बिना एक पल की देरी किये कहते है हाँ -हाँ !चलो बेटा। वो थकान ,वो लगाव ,वो प्यार है पिता। 


 माँ की तरह गले लगाना , माँ की तरह आँसू बहाना। ये उनको बिलकुल नहीं आता है।  वो तो खामोश मूर्ति है ,जो छुप कर रोते ,देखते है। रात को सो जाने पर जो आपके कमरे में आते है,चैन से सोते हुए आपको देख कर खुश हो जाते है। जी भर के देख कर, माथे को चूम कर फिर चादर उढ़ाकर चले जाते है। आपको पता भी नहीं चलता ,वो आपके उठने से पहले आपको देखकर फिर दोबारा लेट जाते है। 


आपको डांटना ,आपको मारना ये उनकी नफ़रत नहीं। ये चिंता है उनकी आपके प्रति। आपके बहक जाने का डर ,आपके खो जाने का डर , जो पल -पल उन्हें सताता है। डर लगता है उनको आज के माहौल को देख कर। बड़े नाजो से पाला है जिसको --कही ओरो की तरह ये भी न हमे छोड़ जाए ,कही ओरो की तरह ये भी न हमें भूल जाए। इसलिए कभी ज्यादा ,कभी कम--आपको डांटते है ,मारते है। 


पिता के समान धैर्य ,क्षमा ,सहन शीलता कहीं है नहीं। स्वर्ग भी इनके आगे कुछ नहीं। यदि स्वर्ग की इतनी महत्ता होती तो ,माता -पिता का प्यार पाने के लिए भगवान् धरती पर बार -बार जन्म नहीं लेते। इसलिए पिता को समझो ,पिता को जानो ,पिता को मानो ,पिता को पहचानो। जिनके पास जीवन की ये अनमोल दौलत हो ,तो उसे किसी और वस्तु की अभिलाषा नहीं रखनी चाहिए। इनके आशीर्वाद से सभी इच्छाये बिन मांगे पूरी हो जाएंगी। 

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ये आँगन में खड़ा वो पेड़ है , जिसका खड़ा रहना ही बहुत बड़ी बात है।पेड़ के बूढ़े होने पर भले ही उससे फल प्राप्त न हो पर छाया तो मिलती ही मिलती है। अथार्त (बुढ़ापे में ये भले ही कुछ न कह पाए या कर पाये ,बस इनके घर में रहने से पराये लोग घर पर बुरी नजर डालने से डरते है ) घर में आने से पहले कई बार सोचते है। ये है , तो जीवन में सब कुछ है। अन्यथा कुछ भी नही। 


इसलिए इन्हे मुरझाने न दें। खुद भी खुश रहें और उन्हें भी खुश रखें। वो आपसे कुछ नहीं मांगते ,सिवाए इसके कि आप उनसे बात करें ,उनके पास बैठे ,हँसे -बोले बस। आशा करते है कि हमारी बातें आपको पसंद आई होंगी और आपके मन से आपके पिता जी के प्रति सभी बुरे विचार निकल गए होंगे। आपकी क्या राय है। आप निसंकोच बता सकते है। 


इसी के साथ हम अपनी बातों  को विराम देते है ,और प्रार्थना करते है कि भोलेनाथ आपके --आपके परिवार के साथ संबंधों को बनाये रखें। विश्वज्ञान में अगली पोस्ट के साथ फिर मुलाकात होगी।तब तक के लिए हर-हर महादेव।

धन्यवाद

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