खुश रहने के 62 कदम /जिंदगी में खुश रहना है,तो क्या करना चाहिए/कृष्ण उपदेश

  • हम बड़े नहीं है।,हमारे पीछे जो ताकत है वो बड़ी है। कौन क्या कर रहा है ,क्यों कर रहा ,कैसे कर रहा है ,इन  सबसे आप जितना दूर रहेंगे उतना ही खुश रहेंगे। 


मित्रों !आज इस पोस्ट में हम जानेंगे की किसी भी अच्छी ,बुरी परिस्थिति में हमे कैसे धैर्य रखना है। कैसे विचारों को अपने मन में प्रवेश कराना है ,किस तरह सुख दुःख की परिस्थिति को हँसते हुए पार करना है। 

मित्रों !इस पोस्ट में जो बातें लिखी है ,वो स्वयं श्री कृष्ण ने गीता में कही है। जिन्हे आज हम आपके समक्ष रख रहे है। ये बाते बहुत ही महत्वपूर्ण है। यदि मनुष्य इन बातों के अनुसार अपने व्यवहार में बदलाव लाये तो काफी हद तक जीवन को बहुत सरल व शांत तरीके से जी सकता है। उसे किसी से भी कोई शिकायत नहीं रहेगी। 

हर-हर महादेव !कैसे है आप लोग।

आशा करते है आप भगवान् शिव की कृपा से ठीक होंगे। 

तो चलिए मित्रों!बिना देरी किये पढ़ते है आज की ये पोस्ट 


खुश रहने के 62 कदम /जिंदगी में खुश रहना तो क्या करना चाहिए/कृष्ण उपदेश


  • भगवान् पर भरोसा करो तो उस बच्चे की तरह करों जिसको हवा में उछालों तो डरता नहीं बल्कि हँसता है क्योकि उसे पता होता है की उसके माता -पिता उसे गिरने नहीं देंगे। 


  • सेवा सबकी करों पर आशा किसी से मत करों क्योकि सेवा करने की सही कीमत केवल तुम्हे भगवान् ही दे सकता है। इंसान नहीं। 


  • नीयत साफ़ हो तो एक लोटा जल भी कबूल है वरना दिखावे का तो छप्पन भोग भी बेकार है। 


  • जब भी सपना देखो बड़े से बड़ा देखो क्योकि अगर चाँद नहीं मिला तो क्या हुआ आसमान तक तो पहुंचेंगे। 

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  • भगवान् के फैसले पर कभी शक मत करना क्योकि अगर सज़ा मिल रही है तो कोई न कोई गलती तो अवश्य हुई होगी। 


  • अगर तुम सही हो तो कुछ भी सही साबित मत करना ,बस सही बने रहो ,गवाही खुद समय दे देगा। 


  • वहाँ बैठकर रोना बहुत सुकून देता है ,जहां कृष्ण के सिवा कोई और सुनने वाला न हो। जितना इन्तजार वो तुमसे करवा रहा है न ,समय आने पर्वो इतना देगा कि तुझे संभाला नहीं जाएगा। 


  • दोस्ती भी जरूरी है ,सम्बन्ध भी जरूरी है लेकिन जीवन की हर कठिन परिस्थिति ये दर्शाती है कि अकेले रहने की कला आना भी आवश्यक है। 


  • हम बड़े नहीं है।,हमारे पीछे जो ताकत है वो बड़ी है। कौन क्या कर रहा है ,क्यों कर रहा ,कैसे कर रहा है ,इन  सबसे आप जितना दूर रहेंगे उतना ही खुश रहेंगे। 


  • नाकारात्मक विचार आना संभव है लेकिन ये आप पर निर्भर करता है कि आप उन्हें कितना महत्व देते है। 


  • भगवान् हमे कभी सजा नहीं देते। हमारे कर्म ही हमे सजा देते है इसलिए कर्म हमेशा सोच समझ कर कीजिए। 


  • रिश्ता श्री कृष्ण और सुदामा जैसा होना चाहिए। एक जो कुछ मांगता नहीं और दूसरा जो सब कुछ देकर भी जताता नहीं। 


  • मुश्किल वक़्त हमारे लिए आईने की तरह होता है। जो हमे हमारी क्षमताओं सहीं आभास कराता है। 


  • चाहे कितना भी बदल जाए इस जमाने का चलन ,मैंने कभी झूठ से सच्चाई को हारते नहीं देखा है। 


  • जब भक्ति और विश्वास अधिक हो जाते है ,तब चमत्कार खुदबखुद होने लगते है। 


  • उस मनुष्य की ताकत का कोई मुकाबला नहीं कर सकता जिसके  पास सब्र ,धैर्य की ताकत है। 


  • प्रार्थना ऐसी करनी चाहिए जैसे की सबकुछ भगवान् पर ही निर्भर है। 


  • काम ऐसे करना चाहिए जैसे कि सबकुछ हम पर ही निर्भर है। 


  • बात आदर और संस्कार की होती है वरना जो सुनना जानता है ,वह सुना भी सकता है। 


  • सच कभी ये दावा नहीं करता कि मैं सच हूँ। ,लेकिन झूठ हमेशा ये दावा करता है कि मैं ही सच हूँ। 


  • इसमें कोई शक नहीं कि चंचल मन को वश में करना बहुत कठिन है किन्तु अधिक अभ्यास और विरक्ति(किसीके प्रति प्रेम ,सहानुभूति आदि का भाव न रह जाना ) द्वारा ही ऐसा कर पाना संभव है। जैसे तेल समाप्त हो जाने पर दीपक बुझ जाता है ,उसी प्रकार कर्म के क्षीण यानी कमजोर हो जाने पर भाग्य भी नष्ट हो जाता है। 


  • केवल जितने वाला ही नहीं बल्कि कहाँ पर हारना है ,ये जानने वाला भी श्रेष्ठ होता है। 


  • मन से ज्यादा उपजाऊ जगह कोई नहीं है क्योकि वहाँ पर जो कुछ भी बोया जाये। वो बढ़ता जरूर है। फिर चाहे वो नफरत हो ,प्यार हो या विचार हो। 


  • श्री कृष्ण कहते है- हे पार्थ ! जो मनुष्य कर्मेन्द्रियों (शरीर के वे अंग जिनसे कार्य किया जाता है )को तो वश में करता है। किन्तु उसका मन इन्द्रिय विषयों (वह शक्ति जिससे बाहरी वस्तुओं का अलग -अलग रूपों का ,अलग अलग रूपों में अनुभव होना) का चिंतन करता रहता है। वो निश्चित रूप से अपने आप को धोखा देता है और मित्थ्याचारी यानी पाखंडी  कहलाता है। 


  • अनुमान मन की कल्पना है और अनुभव जिंदगी का सबक है। सच्ची ख़ुशी तभी होती है जब आपकी सोच,कथन और कर्म में समानता हो। 


  • निःसंदेह किसी भी देह धारी प्राणी के लिए समस्त कर्मों का परित्याग कर पाना असंभव है परन्तु जो कर्म फल का परित्याग करता है। वह वास्तव में त्यागी कहलाता है। 


  • अपने कष्ट ,दर्द और दुःख के लिए  संसार को दोष मत दो बल्कि अपने मन को समझाओ क्योकि तुम्हारे मन का परिवर्तन ही तुम्हारे दुःख का अंत है। 


  • जो होने वाला  है वो होकर ही रहेगा और जो नहीं होने वाला है वो कभी नहीं होगा। ऐसा निश्चय जिसकी सोच में होता है। उन्हें चिंता कभी नहीं सताती। 


  • किसी को हराना अहंकार है लेकिन खुद को उससे बेहतर बनाना संस्कार है। 


  • कठिन परिस्थितियां व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग है इसलिए परिस्थितियां व्यक्ति के नियंत्रण में हो ही नहीं सकती। महत्वपूर्ण तो यह है की व्यक्ति किस तरह अपने धैर्य और विवेक से उस समस्या का हल ढूंढता है। 


  • श्रद्धा का मतलब है आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का मतलब है भगवान् में विश्वास।


  • इस संसार में देखने के लिए बहुत सारे खूबसरत स्थान है पर सबसे सुंदर जगह है बंद आँखों से अपने अंदर देखना। 


  • शब्दों के दांत नहीं होते है परन्तु शब्द जब काटते है तो दर्द बहुत होता है। और कभी कभी घाव इतने गेहरे हो जाते है की जीवन तो समाप्त हो जाता है लेकिन घाव नहीं भरते। 


  • खुद पर विजय प्राप्त करना दूसरों पर विजय प्राप्त करने से ज्यादा बड़ा काम है। 


  • गलतियां ,अपमान ,विफलता ,निराशा और अस्विकीर्ति ये सभी उन्नति और विकास का ही एक हिस्सा है। कोई भी व्यक्ति इन पाँचों चीजों का सामना किये बिना जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकता। 


  • परेशानियां आये तो ईमानदार रहे,धन आ जाए तो सरल रहें ,अधिकार मिलने पर विनम्र रहे और क्रोध आने पर शांत रहें। यही जीवन का प्रबंधन कहलाता है। 


  • इस दुनियां में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता। लाश को शमशान में रखकर अपने ही लोग पूछते है की और कितना वक़्त लगेगा। 


  • कामयाब होने के लिए अकेले ही आगे बढ़ना पड़ता है। लोग तो पीछे तब आते है जब हम कामयाब हो जाते है। 


  • छोड़  दो किस्मत की लकीरों पर विश्वास करना। जब लोग बदल सकते है तो किस्मत क्या चीज़ है। 


  • कामयाब लोग अपने फैंसले से दुनियां बदल देते है और नाकामयाब लोग दुनियां के डर से अपने फैंसले बदल लेते है। 


  • यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल उसे कुछ न कुछ अवश्य सिखा देती है। 


  • यदि आप धर्म करोगे तो आपको भगवान् से माँगना पड़ेगा लेकिन यदि आप कर्म करोगे तो भगवान् को आपको देना पड़ेगा। 


  • जरूरत से ज्यादा अच्छे बनोगे तो जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किये जाओगे। संसार में शरीफ बनने से काम नहीं चलता। जितना दबोगे लोग उतना ही दबाते है। 


  • कभी कभी रिश्तों की कीमत वो लोग समझा देते है जिनसे हमारा कोई रिश्ता तक नहीं होता। 


  • भलाई करते रहिये पानी की तरह ,बुराई खुद ही किनारे लग जायेगी कचरे की तरह। 


  • जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तब उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है। 


  • अपने दर्द सबको न बताये क्योकि सबके घर मरहम नहीं होता,लेकिन नमक सबके घर में होता है। 


  • सफल रिश्तों के यही उसूल है, बाते भूलिए जो फिजूल है। 


  • वक़्त गूंगा नहीं , बस मौन है। वो वक़्त आने पर बता देगा की किसका कौन है। 

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  • बहुत कमियां निकालते है हम दूसरों में अक्सर ,आओ आज एक मुलाक़ात आईने से भी कर ले क्योकि किसी को लात मारने से पहले हम खुद कहाँ खड़े है इसका पता होना चाहिए। 


  • अदब सीखना है तो कलम से सीखो ,जब भी चलती है सिर झुका कर चलती है। 


  • किसी भी एक भूल पर नाराज होने से पहले अपनी दस भूलों को भी गिन लेना चाहिए। 


  • धनवान बनने के लिए एक - एक कण को इकठ्ठा करना पड़ता है और गुणवान बनने के लिए एक -एक पल का सदुपयोग करना पड़ता है। 


  • किसी के अभाव में जियो ,न किसी के प्रभाव में जियो। ये जिंदगी है आपकी ,इसे अपने स्वभाव में जियो। 


  • रिश्तों को बस इस तरह बचा लिया करों की कभी मान जाया करों और कभी मना लिया करों। 


  • सिर पर चढ़कर बोल रहे है पौधे जैसे लोग ,पेड़ बने खामोश खड़े है कैसे -कैसे लोग। भगवान से न डरो तो चलेगा लेकिन कर्मो से जरूर डरना क्योकि किये हुए कर्मो का फल तो भगवान् को भी भोगना पड़ता है। 


  • ये रोटी भी सस्ती नहीं है यारों कोई इसे कमाने को दौड़ता है ,तो कोई इसे पचाने को। 


  • यदि आप उस इंसान को ढूंढ रहे हो जो आपकी जिंदगी बदल सकता है तो एक बार आईने में देख लो क्योकि खुद से ज्यादा हमे कोई नहीं बदल सकता। 


  • जो लोग मन में उतरते है उन्हें संभाल कर रखिये और जो लोग मन से उतरते है उनसे संभलकर रहिये। 


  • भरोसा बहुत बड़ी पूंजी है। खुद पर रखो तो ताकत और दुसरो पर रखो तो कमजोरी बन जाती है। 


  • वो इंसान कभी आपकी कदर नहीं करेगा जिसके आगे आप हमेशा झुकेंगे। कमजोर व्यक्ति से दुश्मनी ज्यादा खतरनाक होती है क्योकि वो उस समय वार करता है जिसकी हम कल्पना भी नहीं करते। 

  • नहीं मिलेगा कोई समझने वाला ,जो भी मिलेगा बस समझकर चला जाएगा। 

प्रिय पाठकों !आशा करते है आपको पोस्ट पसंद आई होगी। विश्वज्ञान में अगली पोस्ट के साथ फिर मुलाक़ात होगी,तब तक आप हँसते रहिय ,मुस्कुराते रहिये और प्रभु के गुण गाते रहिये। 

हरे कृष्ण ,हरे कृष्ण ,कृष्ण कृष्ण हरे हरे। 

हरे राम ,हरे राम ,राम राम हरे हरे।।

जय जय श्री राधे -कृष्ण प्रिय पाठकों 

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