अच्छे लोग जल्दी क्यों मर जाते है ?

 हर -हर महादेव !प्रिय पाठको 

कैसे है आप लोग,आशा करते है की आप ठीक होंगे 

दोस्तों आज इस पोस्ट में हम जानेंगे की आखिर क्यों अच्छे लोग जल्दी मर जाते है और बुरे लोग देर से ,हालांकि इससे पहले भी हमने एक पोस्ट इस विषय पर स्पष्ट रूप लिख रखी है। आप चाहे तो उसे पढ़ सकते है क्योकि उस पोस्ट में  पूरी जानकारी दी हुई है। फिर भी आपके अनुरोध पर दोबारा से लिख रहे है। 

मित्रों ! पृथ्वी लोक जिसे मृत्यु लोक भी कहा जाता है और कर्म भूमि भी कहा जाता है..

ये बात तो सभी जानते है कि जब इंसान इस धरती पर जन्म लेता तो उसकी मृत्यु का कारण भी निश्चित हो जाता है जैसे कि वो कब मरेगा ,कहाँ मरेगा ,किस प्रकार मरेगा। गरूड़ पुराण में इस विषय पर सबकुछ बताया गया है। दोस्तों अच्छे लोगो के जल्दी मरने का प्रमुख कारण है ,उनके द्वारा किये गए अच्छे कर्म। बात बड़ी अटपटी है लेकिन सत्य है। 


अच्छे लोग जल्दी  क्यों  मर जाते है ?


ऐसा इसलिए है की भगवान् अपने उन सच्चे भक्तो को जिन्होंने हमेशा अच्छे कर्म किये है उन्हें धरती पर ज्यादा दिनों तक नहीं रहने देते ,धरती पर उनका उदेश्य पूरा होते ही उन्हें वापस बुला लेते है। दोस्तों !धरती पर जन्म लेने वाले हर प्राणी का कोई न कोई उदेश्य होता है ,लेकिन धरती पर जन्म लेने के बाद वो मोह माया ,चकाचौंध में इस कदर फंस जाता है की उसे कुछ याद नहीं रहता की वो यहाँ क्यों आया है ? उसका क्या मकसद है ?आदि उसे कुछ भी ध्यान नहीं रहता।

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धरती पर तीन प्रकार के लोग जन्म लेते है। 

पहले वो लोग होते जिन्हे हम देवता आदि के नाम से जानते है 

मित्रों !आपने पौराणिक कथाओं में सुना होगा की जब कोई ऋषि मुनि किसी देवता या अप्सरा पर क्रोधित हो जाते थे ,तो वे उन्हें श्राप दे देते थे। श्राप में उन्हें दंड भोगने के लिए धरती पर भेज दिया जाता था, जिससे  कई जन्मों तक उनका उद्धार नहीं होता था। कहने का मतलब है मित्रों !की देवताओ या अप्सराओं के लिए पृथ्वी पर जन्म लेना वो भयानक स्थान था जिन्हे वहां सिर्फ दंड भोगने के लिए भेजा जाता था। 

प्रिय पाठकों ! पृथ्वी लोक कोई अच्छा या बुरा स्थान नहीं है ,ये केवल कर्म भोगने का स्थान है। देवी देवताओं ने भी असुरों व पापियों का नाश करने के लिए इस धरती जन्म लिया व कर्म करते हुए उनका नाश किया और इस जग का कल्याण किया। कहने का तात्पर्य है भगवान् ने भी धरती पर जन्म किसी न किसी उद्देश्य से लिया। 

दूसरे वो दोस्तों !जब कोई मनुष्य मर जाता है ,तो उसकी आत्मा नरक लोक में यमराज के पास  जाती है। वहाँ उसके कर्मों का लेखा जोखा होता है। यदि किसी मनुष्य ने धरती पर  रहकर कई प्रकार के बुरे कर्म किये हो या किसी अन्य लोगो ,जीवों आदि को सताया हो तो ,उसे फिर से जन्म लेना पड़ता है और पूर्व जन्म में उसके द्वारा सताये गए लोगो का हिसाब किताब चुकाना पड़ता है।  इसी कारण उसे धरती पर लम्बे समय तक जीवन  बिताना पड़ता है। 

तीसरे वो  मनुष्य होते है जिन्होने अपने पूर्व जन्म में अच्छे कर्म किये हो ,लेकिन किसी कारणवश उनसे अनजाने में कोई गलती हो गई हो। ऐसे मनुष्यो को केवल उन बुरे कर्मों का हिसाब चुकाने के लिए धरती पर कम सासे लेकर जन्म लेना पड़ता है। भगवान् ऐसे मनुष्य  को कम सांसे प्रदान करते है ,जिससे की वो अपने बुरे कर्मो के भोगो को जल्दी  भोग सके। 

मित्रों !अब यहाँ एक प्रश्न लोगो के मन में उठ सकता है ? कि ये तो गलत है -अच्छे कर्म करने वालों की उम्र लम्बी होनी चाहिए और बुरे कर्म करने वालों की आयु कम होनी चाहिए। 

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तो ,इसका उत्तर केवल यही है की चाहे कोई कुछ भी सोचे ,भगवान् ने जो भी व्यवस्था बनाई है वो सोच समझ कर सही ही बनाई है। क्योकि इस धरती पर जीवन बिताना मनुष्य का लक्ष्य नहीं है। मनुष्य का परम लक्ष्य तो पवित्र बन कर मोक्ष  पाना है। जब हम जन्म लेते है , तो हमे अवसर प्रदान होता है की हम अच्छे कर्म करके अपने परलोक गमन को सुधारे। परन्तु हम बुरे कर्म करके उस स्तर को नीचे गिरा लेते है। जिस कारण मृत्यु होने पर भी हमे मुक्ति नहीं मिलती और लाखों ,करोडो वर्षों तक हमे उन बुरे कर्मों को सहने के लिए प्रेत योनि रहना पड़ता है।

पुराणों में बताया गया है की एक जीवात्मा को यानी मनुष्य की आत्मा को 84 लाख योनियों में जन्म लेकर, मुक्ति पाने के लिए इस मृत्यु लोक के चक्कर लगाने पड़ते है।तब कहीं जाकर उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन जो जीवात्मा अच्छे कर्म करने वाली होती है ,दुसरो का कल्याण करने वाली ,मदद करने वाली होती है ,तो भगवान् उस मनुष्य की मदद उसे कम आयु प्रदान करके करते है। जिससे की वो जल्दी से शुद्धता को प्राप्त कर सके और उसे कुछ जन्मो में ही मोक्ष प्राप्त हो जाए ,जिससे की उसे दुबारा इस मृत्यु लोक के चक्कर न काटने पड़े।    

इसके अलावा बुरे लोगो के लम्बे समय तक जीवित रहने का एक कारण यह भी है की -ये जरूरी नहीं की उसने बुरे कर्म ही किये हो। उसके लम्बे समय तक जीवित रहने का कारण यह भी हो सकता है की ,अभी तक उका  उद्देश्य पूरा न हुआ हो। 

तो प्रिय पाठकों !आशा करते है की आपको पोस्ट पसंद आई होगी। आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा। यदि कोई और शंका हो तो आप हमे कमेंट कर सकते है। हम आपकी शंका दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे। विश्वज्ञान में अगली पोस्ट के साथ फिर मुलाकात होगी। तब तक आप हँसते रहिये ,मुस्कुराते रहिये। 

धन्यवाद


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