क्या कलयुग के अंत मे सब मर जाएंगे?

हर हर महादेव प्रिय पाठकों,कैसे है आप लोग, हम आशा करते हैं कि आप सकुशल होंगे। 

क्या कलयुग के अंत मे सब मर जाएंगे? 

मित्रों आज की पोस्ट मे हम जानेंगे की क्या कलयुग के अंत मे सब मर जाएंगे? क्या कलयुग मे भगवान शिव अवतार लेंगे? क्या भगवान शिव भी विष्णु जी के साथ मिलकर कलि का अंत करेंगे? 

सबसे पहले बात करते कलयुग मे भगवान शिव अवतार लेंगे या नही लेंगे। तो चलिए बिना देरी किए पढ़ते हैं आज की रोचक पोस्ट। 

क्या कलयुग मे भगवान शिव अवतार लेंगे?

क्या कलयुग के अंत मे सब मर जाएंगे?
 क्या कलयुग के अंत मे सब मर जाएंगे? 


जी हाँ मित्रों, ये सच है। की भगवान विष्णु अपने दसवें अवतार कल्कि के रूप मे भगवान शिव के साथ होंगे। और कलयुग का अंत करेंगे। पर ऐसा कहीं नहीं लिखा  है कि भगवान शिव अवतार लेंगे। 

क्योंकि भगवान शिव के पहले से ही 2 अवतार धरती पर मौजूद हैं और वो जीवित भी है। जिसे आप सभी लोग बखूबी जानते हैं और उनकी पूजा भी करते है। जिनके नाम है हनुमानजी और अश्वत्थामा जी।

मित्रों! भगवान शिव और विष्णु , ये दोनो भगवान ही ऐसे हैं, जो समय समय पर धरती पर बढ़ रहे पापों का अंत करने के लिए अवतार लेते हैं। जो धरती पर जन्म लेकर धरती का उद्धार करते हैं। भगवान विष्णु के पहले 9 अवतार हो चुके हैं और उनका दसवां अवतार कल्कि रूप मे होगा। 

उसी तरह मित्रों! लिंग पुराण के अनुसार भगवान शिव के 28 अवतार हो चुके हैं। शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव के 19 अवतार है। लेकिन अगर हम वेदों की बात करें, तो उससे हमे पता चलता है कि ,भगवान शिव एक शक्ति है। उनका कोई आकार नहीं है। वह निराकार है और वो ही एक भौतिक रूप है,जो समय-समय पर अवतार लेते रहते हैं। 

दोस्तों! भगवान शिव का इस सृष्टि का उद्धार करने मे बहुत बड़ा योगदान है या यूं कहें कि भगवान शिव ही सृष्टि का उद्धार है और ऐसा कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। क्योंकि शिव ही प्रलय है। और जब प्रलय होगी, तभी तो उद्धार होगा।

हो सकता है दोस्तों! की शायद आपको बातें ठीक से समझ न आ रही हो , आप confuse हो रहे हो ,तो इसलिए हम आपको स्पष्ट तरीके से समझाते हैं। 

ब्रह्मा जी का एक दिन, एक कल्प के बराबर होता है। और जब उस कल्प का अंत होना होता है,तो भगवान शिव पृथ्वी पर अपने एक भौतिक रूप मे आते हैं या आप ये भी कह सकते हैं कि धरती पर किसी रूप मे जन्म लेकर आते हैं या अवतार लेते हैं और फिर उसके बाद सृष्टि का अंत कर देते हैं। 

सब कुछ शिव मे ही समा जाता है। फिर चाहे कोई  अमृत ही पीकर क्यों न आया हो, कहने का मतलब है कि प्रलय आने पर सब कुछ शिव मे ही समा जाता है, फिर चाहे कोई अमर ही क्यों न हो। 

प्रलय किसी को भी नहीं छोड़ती। और ऐसा न जाने कितनी बार हों चुका है। अब से पहले भी कितने कलयुग आ चुके हैं। इस कलयुग की उम्र 4 लाख 32 हजार है और कलयुग अब तक 5000 वर्ष पूरे कर चुका है।

जैसा की आप जानते है मित्रों ! कि हनुमानजी को राम जी द्वारा ये वरदान मिला हुआ है की जब तक इस सृष्टि का अंत नहीं हो जाता ,उन्हें धरती प़र ही रहना होगा ,ठीक उसी प्रकार अश्वत्थामा जी को भी श्राप मिला हुआ है कि जब तक कलयुग का अंत नही हो जाता ,तब तक उन्हें धरती भी पर ही रहना होगा। 

इस प्रकार मित्रों! भगवान शिव के ये दो अवतार पहले से ही धरती पर मौजूद हैं। अब तो भगवान शिव अपनी शक्ति द्वारा कलयुग मे प्रलय लायेंगे ,जो कि सृष्टि चक्र मे बदलाव के लिए बहुत जरूरी है। शिव शक्ति द्वारा इतनी भयंकर प्रलय होगी कि जिसकी कल्पना करना मुश्किल है। सोच से भी कहीं ज्यादा खतरनाक होगा वो पल। 

हालांकि कलयुग की शुरुआत तो हो ही चुकीं पर कलयुग का अंत होते होते सृष्टि भयानक रूप ले लेगी। यानी लोगो का आचरण इतना बुरा हो जाएगा कि सृष्टि बेकार लगने लगेगी। मनुष्य द्वारा किए गए कर्मों से सृष्टि का संतुलन बिगड़ जाएगा। 

जरूरत से ज्यादा भूकंप आना,ज्वालामुखी फटना,बाढ़ आना,भुखमरी बढ़ना,हत्याएं होना,धरती फटना,अकाल मृत्यु होना आदि ये सब सृष्टी के संतुलन बिगड़ने का ही कारण है। और इसके ज़िम्मेदार कोई और नहीं हम मनुष्य ही है, जो अपने स्वार्थ के लिए इस सृष्टि को तबाह कर रहे हैं। 

एक देश,दूसरे देश से दुश्मनी निकालने के लिए, उन्हें तबाह करने के लिए ऐसे ऐसे परमाणु बम बनाते हैं,जिनके फटने से दुनिया तबाह हो जाए। जिनका कि इन लोगों को कोई अंदाजा नहीं होता। इनका निरीक्षण ये लोग या तो पानी मे करते हैं या फिर खाली जगहो पर। 

अब दोस्तों, आप खुद सोचिए, क्या ये हमारी इस सुन्दर सृष्टि के साथ खिलवाड़ नहीं है। जो जल चाहे वो गंगा हो या फिर जमुना या फिर समुन्द्र या फिर जल युक्त अन्य कोई जगह ,भगवान ने ये सभी जगह हमे हमारी सुविधाओं के लिए दी है ,जिन्हें ये लोग निरीक्षण करके दूषित कर रहे हैं। 

जल पीने योग्य नहीं रहता, ये तो अलग बात है ,लेकिन गंगा, यमुना ये हमारी माँ है और समुन्द्र देवता है जिनके ऊपर ये परमाणु बम फैंक रहे हैं तो क्या ये लोग चुप बैठेंगे, क्या इन्हें क्रोध नही आएगा , क्या इनके क्रोध से प्रलय नहीं आएगी। 

आएगी मित्रों, आएगी ही नहीं बल्कि आ रहीं हैं। ये जो जगह-जगह सुनामी आ रही है ,बाढ़ आ रही है ,ये इनका क्रोध ही है। परमाणु बम फेंके जाने से इनमे जो हलचल होती है, जो जलन होती है, वो हलचल और जलन ही उफान बनकर बाढ़ और सुनामी का रूप लेती है और तबाही मचाती है। 

इसी प्रकार मित्रों यदि इस परमाणु बम का निरीक्षण किसी खाली जगह पर किया जाए, तो उसके दुष्प्रभाव से ,उस स्थान से जुड़े अन्य देशों पर इतना बुरा प्रभाव पड़ता है कि वहां फिर सालों तक कभी अन्न नहीं उगाया जा सकता। 

धरती अंदर ही अंदर इतनी खोखली और बंजर हो जाती है कि अन्न चाहकर भी नहीं उगाया जा सकता और इस कारण लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ता है। ये सब अभी वर्तमान मे हो रहा है। आप इससे भलीभांति परिचित हैं, हमे कुछ कहने की या फिर समझाने की जरूरत नहीं है। 

ये दो तो हमने आपको उदाहरण दिए है। अभी तो न जाने इस कलयुग मे और कितना कुछ इस सृष्टि को सहन करना पड़ेगा। 

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कलयुग का अंत समय आते आते मनुष्य इस कदर हैवान हो जाएंगे कि उन्हें अपने और पराये मे कोई अन्तर नहीं दिखाई देगा। बेटियों को परायों से ज्यादा, अपनों से खतरा होगा। जिस दिन घर की इज्ज़त माँ और बेटियां अपने ही घर मे खुद को सुरक्षित न समझे, तो समझिए उस दिन से कलयुग का अंत बहुत नजदीक है। 

कलयुग के अंत समय आते-आते मनुष्य की आयु केवल 20 वर्ष तक की रह जाएगी। मनुष्य 20 वर्ष की आयु मे ही बुढ़ा हो जाएगा और उसकी मृत्यु हो जाएगी। 

बच्चे पैदा होते ही चलना शुरू कर देंगे। जन्म के समय डॉक्टर की जरूरत न के बराबर ही होगी क्योंकि घोर कलयुग मे जन्मे बच्चे इतने एडवांस्ड होंगे कि उन्हें डॉक्टर की जरूरत ही नहीं होगी। 

वो खुद ही पैदा होंगे और खुद ही अपनी नाल काट लेंगे और तुरंत चलना शुरू कर देंगे। फोन की लत उन्हें जन्म से ही होगी। आपको पढ़ने में अटपटा सा लग रहा होगा लेकिन ये सच है। एक दिन आप खुद अपनी आंखों से ये बहुत जल्द देखेंगे। 

क्या कलयुग के अंत मे सब मर जायेंगे 

अब बात करते हैं ,कलयुग के अंत मे सबके मरने की। इसका हमारे पास एक प्रश्न आया था कि, क्या कलयुग के अंत मे सब मर जायेंगे? जब प्रलय आएगी, तो क्या उसमे कोई नहीं बचेगा। 

तो दोस्तों ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कोई न कोई तो जरूर होगा,जो बचेगा और जो बचेगा, वो कोई साधरण मनुष्य नहीं होगा। जैसे हमे द्वापर युग के बारे में पता है, सतयुग के बारे मे पता है, त्रेता युग के बारे में पता है, तो वो कैसे पता है? क्या आप जानते हैं मित्रों!

जाहिर सी बात है मित्रों उस युग का कोई व्यक्ति जरूर बचा होगा और उसने ही अगले युग मे पिछले युग के बारे मे बताया होगा। कुछ ग्रंथ भी लिखे होंगे। और उसी के जरिए अन्य व्यक्त्ति को पता चला। इसी प्रकार एक के बाद एक ये क्रम चलता गया और हम तक उन युगों की जानकारी पहुंची। 

जैसे हम एक युग पीछे जाते हैं। वर्तमान युग से पहले द्वापर युग था। उस युग मे कृष्ण के देह त्याग करने के बाद पांडवों ने अपनी राजधानी अपने पौत्र राजा परीक्षित को सौंप दी और हमेशा हमेशा के लिए राज्य छोड़कर वन मे चले गये। यानी द्वापर युग के अंत के बाद राजा परीक्षित ही बचे। 

द्वापर युग के बाद कलयुग आया और कलयुग में उनके जरिए द्वापर युग की जानकारियां मिली। सब कुछ ठीक ठाक चलता रहा, फिर एक दिन कलयुग के द्वारा उनकी मृत्यु हो गई।  इस प्रकार मित्रों, ये क्रम चलता रहता है। इसलिए किसी एक का बचना तो अति आवश्यक है। तभी तो हमारे इस वर्तमान युग की बाते सतयुग मे होगीं। 

कलयुग के अंत समय जब प्रलय होगी, तब भगवान शिव को जो पहचान लेगा, वही मनुष्य बचेगा। और शिव को पहचानना इतना सरल नहीं होगा। 

क्योंकि भगवान शिव के जिस रूप को हम अनादि काल से देखते आ रहे है ,जरूरी नहीं है कि वह उसी रूप में आए। उनका स्वरूप कुछ अलग हो सकता है जैसे किसी मनुष्य के रूप मे, किसी AI रोबोट के रूप मे, प्रकृति के किसी रूप में या फिर अपने ज्योतिर्मय रूप मे आदि। 

क्या कलयुग के अंत मे सब मर जाएंगे?
 क्या कलयुग के अंत मे सब मर जाएंगे? 

भगवान शिव किसी भी रूप मे आकर प्रलय मचा सकते हैं। फिर उन्हें कोई कैसे पहचानेगा। उन्हें पहचानना असंभव होगा लेकिन नामुमकिन नहीं। इसलिए उन्हें वही दिव्य आंखे पहचान पायेंगी, जिसने अपने जीवन मे शिव के सिवा किसी और को चाहा ही न हो। 

कहने का अर्थ है कि जिस व्यक्ति ने अपने जीवन में कभी कोई पाप न किया हो, किसी के प्रति अपने मन में कोई बुरी भावना न रखी हो,कभी किसी का बुरा न चाहा हो,किसी के प्रति उसके मन हीन भावना न हो,नफरत न हो। 

हर स्त्री, पुरुष और बच्चे, बूढ़े को अपना मानकर बिना किसी स्वार्थ के उनकी सेवा की हो और उनकी मदद की हो,किसी परायी स्त्री का संग न किया हो। हमेशा भगवान नाम में ही लीन रहा हो। बिलकुल राजा परीक्षित के जैसा व्यक्ति । राजा परीक्षित एक महात्मा पुरुष थे। 

यानी के मित्रों! जो पूरी तरह तन ,मन से शुद्ध होगा वही बचेगा क्योंकि ऐसे व्यक्ति को शास्त्रों मे दिव्य पुरुष माना गया है। अब वो कौन होगा, ये तो समय आने पर ही पता चलेगा। 

दोस्तो! कलयुग का अंत बहुत बुरा होगा। बड़ा ही विनाशकारी होगा। बहुत ही भयंकर युद्ध होगा। जब भगवान विष्णु अपने कल्कि अवतार मे आकर कली राक्षस का अंत करेंगे ,तो उसके बाद ये पृथ्वी और भी ज्यादा अंधकार में चली जाएगी। 

क्योंकि कलयुग में इतनी भीषण तबाही होगी ,इतना भीषण युद्ध होगा कि उसके प्रकोप से सब मर जायेंगे। धरती तिलमिला उठेगी। बहुत ही भयंकर मंजर होगा मित्रों, उसे शब्दो में कह पाना हमारे लिए सम्भव नहीं है। 

तो मित्रों इस बात से बेख़बर रहे की कोई नहीं बचेगा। कोई एक तो जरूर बचेगा पर जहां तक हमारा अनुमान है एक नहीं कई लोग बचेंगे। क्योंकि इतनी तबाही के बाद किसी व्यक्ती के बचने से पूरी दुनिया चलना असम्भव है। 

वह अकेला व्यक्ती जी कर भी क्या करेगा। उसके लिए जी पाना मुश्किल हो जाएगा इसलिए हमारा मानना है कि एक नहीं कई लोग बचेंगे और वहीं दिव्य लोग मिलकर सतयुग को जन्म देंगे। वही इस घोर कलयुग की कहानियां अपने बच्चों को सुनाएंगे। जैसे आज हमे हमारे दादा- दादी, नाना-नानी, पापा-मम्मी सुनाते हैं। 

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इसलिए कलयुग के अंत से घबराए नहीं, चिंता बिल्कुल भी न करें ,खुश रहें। मृत्यु से कभी भी डरना और घबराना नहीं चाहिए। प्रभु जो करते हैं, भले के लिए ही करते हैं। इसलिए जो होगा वो अच्छा ही होगा। आपको पोस्ट कैसी लगी ,अवश्य बताये। 

तो मित्रों, ये थी हमारी आज की पोस्ट ,कि क्या कलयुग के अंत मे सब मर जायेंगे। आशा करते हैं कि आपको जानकारी पसंद आई होगी। विश्वज्ञान में अगली पोस्ट के साथ फिर मुलाकातहोगी। तब तक आप अपना ख्याल रखें, खुश रहें, हंसते- मुस्कराते रहे और प्रभु  जपते रहे। 

धन्यवाद 

हर हर महादेव 

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