पूजा करते समय नींद क्यों आती है?

जय श्री राम! प्रिय पाठकों,कैसे हैं आप लोग,हम आशा करते हैं कि आप ठीक होंगे। 

प्रिय पाठकों आज की इस पोस्ट मे हम जानेंगे की पूजा करते समय नींद क्यों आती है। ऐसा क्यों होता है कि जब हम पूजा करने बैठते हैं तो थोड़ी देर बाद स्तुति या जप करते करते नींद के झोंके आने लगते हैं? 

क्या आपके साथ भी ऐसा होता है ? क्या आपको भी पूजा करते समय नींद के झोंके आते हैं? आखिर ये किस बात का संकेत है? क्यों होता है ऐसा?कहीं ये कोई अशुभ लक्षण तो नही? तो चलिए दोस्तों बिना देरी किए पढ़ते हैं आज की पोस्ट। 

पूजा करते समय नींद क्यों आती है। 


पूजा करते समय नींद क्यों आती है?
पूजा करते समय नींद क्यों आती है?

मित्रों अधिकतर लोगों के साथ,जो पूजा पाठ ज्यादा करते हैं या कभी-कभी करते हैं लेकिन पूरे मन से,भक्ति भाव से करते है,वो जब पूजा करने बैठते हैं या माला जप करने बैठते हैं या स्तुति करते हैं, तो उन्हें नींद आने लगती है। माला भी कभी कबार हाथ से छूट जाती है। 

इसके अलावा कभी-कभी व्यक्ति को केवल नींद के झोंके आने लगते हैं ,तो कभी-कभी उन्हें ऐसा महसूस होता है कि पूजा करते-करते वो पूरे तरीके से सो गए हों। नींद की ये अवस्था कभी-कभी ऐसी भी होती है कि, जब आप स्तुति या कोई पाठ कर रहे हों, उस वक्त जब आपको नींद आती है, तो आप सो जाते हैं लेकिन पाठ पढ़ना नहीं छोड़ते और अचानक जब आंख खुलती हैं तो आपको लगता है कि आप सो गये थे। तो जब आप सो गए थे, तो फिर पढ़ कैसे रहें थे?

प्रिय दोस्तों! ये स्थिति ही कुछ ऐसी होती हैं की आप सो भी रहे होते है और पढ़ भी रहें होते हैं यानी आपका शरीर सो गया, लेकिन आत्मा नहीं सोयी। आपकी आत्मा प्रभु मे इस कदर रम गई की आपको अपनी भी सुध नही रही।

Read more- पूजा करते समय शरीर क्यो हिलता है 

मित्रों! जब ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है,तो व्यक्ति घबराने लगता है,उन्हें लगने लगता है कि उनकी पूजा बेकार हो गई हैं। इस पूजा का कोई फल नहीं।इसके अलावा उन्हें कोई अनहोनी होने का अंदेशा होने लगता है,यानी कही कुछ गलत तो नही होने वाला। वो मन मे ऐसी धारणा बना लेते है। पर ऐसा बिलकुल भी नही है दोस्तों। 

मित्रों सबसे पहले तो हम आपसे इतना कहना चाहेंगे कि आप कोई भी काम करें, फिर चाहे वो पूजा पाठ से संबंधित हों या अन्य कार्यो से संबंधित। उस हरेक कार्य को आप सकारात्मक बुद्धि से करें। क्योंकि नकारात्मक सोच के मन में आते ही  सारे अच्छे किए कराये कार्यो पर पानी फिर जाता है। 

आप यदि पूजा पाठ करते हैं तो अपनी पूजा, अपने इष्ट पर भरोसा रखें। अपनी सोच को शुद्ध रखें, सकारात्मक रखें। कभी भी ऐसा न सोचे की आपकी पूजा बेकार हो गई ,इसका कोई फल नही। भगवान आपकी पूजा स्वीकार करेंगे या नही करेंगे। ऐसा बिल्कुल भी न सोचे, क्योंकि हर कर्म का फल इंसान को अवश्य मिलता है। 

जैसा कर्म होगा वैसा ही फल प्राप्त होगा। हां, ये हो सकता है कि फल देर से प्राप्त हो लेकिन प्राप्त जरूर होगा। इसमे कोई संदेह नही। इसलिए जीवन के हर कार्य को करते समय अच्छी सोच रखें। 

मित्रों ! ये एक विश्वास ही होता है जो मनुष्य को मजबूत बनाता है।और इस बात का सबूत है दक्षिनेश्वर मंदिर के स्वामी राम कृष्ण परमहंस,जिन्होंने पत्थर मे से माँ काली को प्रकट किया। इस उदाहरण से हमें शिक्षा लेनी चाहिए। ये विश्वास बनाना चाहिए कि हम कभी भी डगमगायेंगे नही। 

अब बात करें पूजा करते समय नींद आने की तो मित्रों पूजा करते समय नींद या नींद के झोंके तभी आते हैं जब साधक यानी पूजा करने वाला व्यक्ति या भक्त अपने इष्ट के मंत्र, स्तुति या जप करने मे इतना तल्लीन हो जाता है कि, उसे खुद को भी ये होश नहीं रहता की, वो  क्या कर रहा है। 

मित्रों ये स्थिति साधक की एक ही बार पूजा करने से नहीं होती। इससे पहले साधक को मंत्रों की कई अवस्थाओ को पार करना होता है। जिसमें साधक पहले तो मंत्रों को बोलकर जाप करता है। फिर महीने या दो महीने बाद यही जाप उपांसू जाप मे बदल जाता है। 

उपांसू जाप का मतलब है जिसमें साधक के होंठ और जीभ तो चलती लेकिन आवाज इतनी हल्की निकलती है कि, पास बैठे हुए व्यक्ति को भी नहीं सुनाई देती। यानी पास बैठे हुए व्यक्ति को ये तो महसूस होगा कि, ये कुछ बोल रहा, पर क्या बोल रहा है, ये साफ सुनाई नहीं देगा। उपांसू जाप को आप बुदबुदाना भी कह सकते हैं। 

इस जाप को करते-करते भी जब आपको महीना या 2 महीना बीत जाएगा,तब यही उपांसू जाप आपका मानसिक स्तर में बदल जाएगा। मानसिक स्तर यानी जिसमें पूजा करते समय होंठ और जीभ का हिलना बंद हो जाता है और जो भी स्तुति, जाप और मंत्र होते हैं, वो मन के द्वारा होने लगते हैं। यानी आप बिना मुहँ से बोले केवल मन से पाठ या स्तुति करते हैं। 

Read more- क्या पूजा करते समय आंसू निकलने लगते है,तो आप भाग्यशाली है 

मित्रों! इस मानसिक जाप मे अगर साधक चाहे भी न कि वो बोलकर मंत्र पढ़े, लेकिन तब भी वो बोलकर पूजा नहीं कर पाएगा। सभी जापों मे मानसिक जाप अधिक महत्वपूर्ण और सर्वोत्तम है। 

जब साधक मानसिक स्तर तक पहुंच जाता है तब ऐसी स्थिति पैदा हो जाती कि उन्हें नींद आने लगती है या नींद के झोंके आने लगते हैं। इस स्थिति में साधक का अपने शरीर और मन पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। वो सोने के जैसी स्थिति में पहुंच जाता है। 

ये नींद वास्तविक नींद से बहुत अलग हो होती है। इसमे साधक सोता नहीं है। पर उसको लगता है कि वो सो गया है। इस स्थिति मे उनके हाथ से माला भी छूट कर गिर सकती है और खुद व्यक्ति,साधक या भक्त जो भी आप कहते हो, वो भी नींद के झोंके से गिर सकता है। 

नींद के झोके से गिरने के बाद जब आप दोबारा होश आने पर उठते है, तो आपको लगता है कि, अरे! मैं तो सो गया था। पर नहीं आप सोये नहीं थे। ये आत्मा की एक अलग अवस्था थी। जिसमें आपका शरीर ज्ञान लुप्त हो गया था। 

ये बड़ी उच्च स्थिति की बात है , बड़ी उच्च स्थिति की अवस्था है। ये एकाग्रता की अवस्था होती है। इसी अवस्था के और सुदृन हो जाने पर शरीर समाधिस्थ होने लगता है और यही एक साधक का लक्ष्य होता है। 

ये अवस्था शक्तियों के जाग्रत होने की अवस्था होती है। इसी अवस्था में पराशक्तियों का प्राकट्य होता है।  प्राकट्य यानी प्रकट होना। जिस किसी भी भगवान की साधक पूजा करता है, वह प्रसन्न होकर इसी अवस्था मे आकर उनको दर्शन देते हैं। इसी अवस्था में साधक को सिद्धियां प्राप्त होती है। ये अवस्था उत्तम अवस्था होती है। इसलिए इसमे घबराने की नहीं बल्कि प्रसन्न होने की आवश्यकता होती है। 

कुल मिलाकर दोस्तों पूजा करते समय नींद आना एक शुभ संकेत है। इससे पता चलता है कि आपकी पूजा की दिशा और दशा दोनों ही सही है। इसलिए आपको बिलकुल भी नकारात्मक सोच नहीं रखनी है। बिलकुल भी डरना नहीं है। बिलकुल भी घबराना नही है। 

Read more- पूजा करते समय उबासी, रोंगटे और सिर भारी क्यों हो जाता है। 

आप अपनी पूजा प्रतिदिन की तरह, जैसे भी आप अब तक करते आए हैं, उसी प्रकार से करते रहे। इससे आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी। आशा करते हैं मित्रों की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा। और आप उत्तर से संतुष्ट होंगे।

इसके अतिरिक्त यदि आपका कोई प्रश्न हो, आप कुछ पूछना चाहे तो निस्संकोच पूछ सकते हैं। हम आपके प्रश्न का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे। इसी के साथ विदा लेते हैं। विश्वज्ञान मे अगली पोस्ट के साथ फिर मिलेंगे। आप अपना ख्याल रखें, खुश रहें और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहें। 

धन्यवाद 

जय श्री राम 

Previous Post Next Post