ग्रहों के रूठने से होने वाले रोग व उपाय

ग्रहों के रूठने से होने वाले रोग व उपाय 

ग्रहों के रूठने से होने वाले रोग व उपाय
ग्रहों के रूठने से होने वाले रोग व उपाय 

हर हर महादेव प्रिय पाठकों,कैसे है आप लोग,हम आशा करते हैं कि आप भगवान शिव की कृपा से ठीक होंगे। 

किस ग्रह के रूठने से क्या होता है। ग्रहों के रूठने से होने वाले रोग व उपाय 

प्रिय पाठकों! अक्सर आपने देखा होगा कि कई लोग  ऐसे होते जो अधिकतर बीमार रहते हैं। हालांकि हल्की-फुल्की बीमारी होना तो आम बात है। लेकिन यदि बीमारी जरूरत से ज्यादा है मतलब कि एक बीमारी ठीक हुई नहीं की दूसरी बीमारी लग गई। यानी हर समय बीमारी से घिरे रहना। 

कई बार तो ऐसी परिस्थितयाँ आ जाती है कि चाहकर भी उन बीमारियों का इलाज नहीं हो पाता। कारण कभी आर्थिक स्थिति ठीक न होना या फिर बीमारी को नजरअंदाज कर देना। और अगर इलाज करा भी लिया तो उसका जड़ से ना खत्म होना। 

और ऐसा तब होता है दोस्तों, जब कोई ग्रह रूठ जाता है। किस जातक (व्यक्ति) के जीवन में कौन-सा ग्रह अशुभ प्रभाव डाल रहा है, इसका निर्धारण उसके जीवन में घटने वाली घटनाओं के आधार पर किया जाता है। 

जीवन में घटने वाली हर शुभ-अशुभ घटनाओं के पीछे ग्रह-नक्षत्रो का बहुत अधिक योगदान होता है। ग्रहों के लक्षणों के माध्यम से शुभ-अशुभ ग्रहों को जाना जा सकता है। 

अनिष्ट फल देने वाले अनिष्टकारी ग्रहों का उपाय, पूजा पाठ, जप, दान,अनुष्ठान कर उसके प्रकोप को शान्तकर, उस ग्रह को प्रसन्न कर, जीवन में सुख, शांति,समृद्धि हासिल की जा सकतीहै। 

विभिन्न ग्रहों की अशुभ स्थिति होने पर निम्नलिखित लक्षण प्राप्त होते हैं तो आइए जानते हैं किस ग्रह के रुठने से क्या क्या दिक्कत आती है। 

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ग्रहों के रूठने से होने वाले रोग व उपाय 

1. सूर्य : अगर आपकी कुंडली में सूर्य नाराज है, तो आपको कुछ ऐसे लक्षण देखने को मिलेंगे । 

  • सूर्य के अशुभ होने पर शरीर में अकड़न आ जाती है।
  • मुंह में थूक बना रहता है।
  • दिल का रोग हो जाता है।
  • मुंह और दांतों में तकलीफ हो जाती है।
  • चेहरे से तेज गायब हो जाता है। 
  • हमेशा थका हुआ और आलस्य महसूस होता है। 
  • हृदय के आसपास दर्द का अनुभव होता है।
  • अक्सर हृदय का धड़कन सामान्य से ज्यादा रहना या छोटी-छोटी बातों से धड़कन बढ़ जाना। 
  • सरदर्द या बुखार से बार-बार ग्रसित हो जाना। 
  • अपना विवेक खो बैठना।
  • सरकारी नौकरी में दिक्कत आ जाना। 

अगर ये लक्षण आपके भी जीवन में देखने को मिल रहे हैं, तो समझ जाए आपको भगवान् सूर्य को प्रसन्न करने की आवश्यकता है। 

उपायः सूर्य के दोष निवारण के लिए सूर्य की पूजा करें, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें, विष्णु की उपासना करें,गेंहू, गुड, एवं तांबे का दान करें।

2. चन्द्रमा : अगर आपका चन्द्रमा खराब है, तो इसके निम्न संकेत देखने को मिलते हैं। 

  • मन अक्सर दुखी या निराश रहता है। 
  • छोटी-छोटी बातों पे रोना आ जाता है। 
  • मानसिक रूप से अक्सर या हमेशा बेचैनी महसूस करते रहते हैं। 
  • अँधेरे से भय लगता है। 
  • पूर्णिमा या अमावस्या को मानसिक तनाव बहुत बढ़ जाता है। 
  • जो कार्य आप करते हैं उसमे मन नहीं लगता, या पर्याप्त मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती। 
  • प्रियजनों के साथ न चाहते हुए भी अनबन होना। 
  • सर्दी जुकाम की समस्या बने रहना। 
  • मिर्गी का रोग, पागलपन,बेहोशी, फेफड़े संबंधी रोग होना। 
  • मासिक धर्म का गड़बड़ा जाना।
  • स्मरण शक्ति का कमजोर हो जाना।
  • मानसिक तनाव और मन में घबराहट होना।
  • तरह-तरह की शंका और अजीब सा भय लगे रहना। 
  • मन में बार-बार आत्महत्या करने के विचार आते रहना। 

अगर ये सब लक्षण आपको अपने जीवन में दिख रहे है, तो यह मान लेना चाहिए की आपका चन्द्रमा अशुभ है।तो इसके लिए आप इन उपायों को अपना सकते हैं। 

उपायः चन्द्रमा के दोष निवारण के लिए शिवजी की उपासना करें, महामृत्युंजय का जाप करें,चावल, दूध, चांदी का दान करें।

3. मंगल ग्रह : कुण्डली मे मंगल ग्रह के खराब होने पर इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। 

  • आँखों में अक्सर कोई न कोई दिक्कत बने रहना।
  • जोड़ो में दर्द,खून की कमी,टाइफॉइड या पीलिया जैसे रोग होना।
  • उच्च रक्तचाप, वात रोग, गठिया रोग, फोड़े-फुंसी होना। बार-बार जख्मी होना या चोट लगना,बुखार आना। 
  • शरीर में कंपन होना।
  • गुर्दे में पथरी होना।
  • शारीरिक ताकत कम हो जाना।
  • रक्त संबंधी बीमारी होना जैसे खून की कमी या अशुद्धि हो जाना, बच्चे पैदा करने में तकलीफ होना, अगर पैदा हो भी जाये, तो उनका जन्म लेते ही मर जाना हैं। 
  • पराक्रम या उत्साह की कमी होना।
  • वाणी से कर्कश होना।
  • ना चाहते हुए भी किसी को बुरा भला कह देना और बाद में पछताना। 

ये सारे लक्षण मंगल ग्रह के खराब होने के संकेत हैं।

उपाय: मंगल के दोष निवारण के लिए हनुमान जी की उपासना करें, हनुमान मन्दिर में प्रसाद चढांए एंव बांटे, मसूर की दाल एवं लाल मूंग की दाल दान करें। 

4. बुध ग्रह : अगर किसी का बुध ग्रह खराब परिस्थिति में हो तो इसके संकेत कुछ इस प्रकार होंगे। 

  • हकला कर बोलना, बार-बार हिचकी आना या किसी भी प्रकार की वाणी से जुड़ी समस्या होना।
  • कर्ज मे पड़ना।
  • पड़ोसियों से कलह रहना।
  • नर्वस सिस्टम का कमजोर पड़ना।
  • दिमाग का अक्सर भ्रमित रहना
  • सूंघने की शक्ति कम हो जाना।
  • समय से पहले ही दांतों का खराब हो जाना।
  • मित्र से संबंधों का बिगड़ना।
  • बहन, बुआ और मौसी पर विपत्ति आना।
  • नौकरी या व्यापार में नुकसान होना।
  • संभोग की शक्ति क्षीण होना।
  • व्यर्थ की बदनामी होना।
  • हमेशा घूमते रहना, ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में, कोने का अकेला मकान जिसके आसपास किसी का मकान न हो ऐसी जगह पर घूमना ज्यादा पसंद आना। 

इन लक्षणों के दिखने पर समझ जाना चाहिए की जीवन में बुध ग्रह उदास है। 

उपायः बुध के दोष निवारण के लिये दुर्गा सप्तषती का पाठ करें, मां दुर्गा की उपासना करें, साबूत मूंग दान में दें।

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5. बृहस्पति ग्रह : बृहस्पति ग्रह अर्थात गुरू के खराब होने के निम्न लक्षण होते हैं। 

  • बेवजह अपयश मिलना अर्थात किसी और का दोष अपने सर पर आना। 
  • साँसों से संबंधित रोग होना।
  • धन की चोरी होना।
  • प्रेम में असफल होना।
  • बुरे सपने आना।
  • मंगल कार्यों में विघ्न पड़ना।
  • आवेश ऊर्जा का कमी होना।
  • शिक्षा में जितनी मेहनत करें उतना फल न मिलना।
  • अस्थमा, दमा, गर्दन, नाक या सिर ,पेचिश, रीढ़ की हड्डी में दर्द, कब्ज, रक्त विकार, कानदर्द, पेट फूलना, जिगर में खराबी आना। 

ये सब बहस्पति ग्रह के कमजोर होने के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत ही बृहस्पति ग्रह को मनाने के उपाए शुरू कर देना चाहिए। 

उपायः बृहस्पति के दोष निवारण के लिए गुरू पूजन करें, हरिवंष पुराण का पाठ करें, ब्रह्माजी की उपासना करें, चने की दाल या सोना दान करें।

6. शुक्र ग्रह : अगर आपका शुक्र ग्रह ख़राब है, तो इसके निम्न लक्षण देखने को मिलेंगे । 

  • त्वचा रोग से बार बार पीड़ित होना।
  • पराई स्री की कामना करना।
  • गुप्त रोग से पीड़ित होना।
  • कर्ज में डूबे रहना।
  • खूब परिश्रम करने के बावजूद भी आर्थिक लाभ न होना।
  • अंतड़ियों के रोग, गुर्दे का दर्द, पांव में तकलीफ आदि होना। 

ये सारे लक्षण दिखने पर शुक्र ग्रह को खुश करने के उपाए करने चाहिए। 

उपायः शुक्र के दोष निवारण के लिए लक्ष्मी की पूजा उपासना करे, स्त्री का सम्मान करें, विधवाओं की मदद करें, घी, दही, कपूर, का दान करें। 

7. शनि ग्रह : कुण्डली मे शनि ग्रह का दोष होने पर जीवन मे इस तरह के  संकेत देखने को मिलेंगे।

  • रोजगार तथा आय मे हानि होना। 
  • समाज मे मान- सम्मान मे हानि होना। 
  • अचानक किसी बड़ी बीमारी की चपेट मे आना तथा लंबे समय तक ठीक नही होना।
  • दुर्घटना होना या परिवार मे अचानक अकाल मृत्यु होना। अपने कार्य स्थल पर दूसरे कर्मचारियों से मतभेद होना, हर कार्य विलंब से होना। 
  • कनपटी की नसों में दर्द बने रहना। 
  • समय से पहले सिर के बालों का झड़ना। 
  • फेफड़े सिकुड़ना और सांस लेने में तकलीफ होना। हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, तब जोड़ों का दर्द भी पैदा हो जाता है। 
  • रक्त की कमी और रक्त में बदबू बढ़ जाती है, पेट संबंधी रोग या पेट का फूलना।
  • सिर की नसों में तनाव, अनावश्यक चिंता और घबराहट बढ़ जाना। 

ये सारे लक्षण दिखने पर बिना देरी किए शनि महाराज को खुश करने के उपाए करने चाहिए, क्योंकि शनि ग्रह को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है। अगर समय पे इसका उपाए ना किया जाए तो कोई बड़ी क्षति भी झेलनी पर सकती है।

उपायः शनि दोष निवारण के लिए काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें, लोहा या उड़द दाल का दान करें।

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8. राहू : अगर आपके जीवन मे राहू कमजोर है, तो निम्न लक्षण आपको देखने के लिए मिलेंगे। 

  • नींद ना आना। 
  • किसी भी कार्य को करने मे मन ना लगना।
  • रोजगार मे हानि होना। 
  • बुरे सपने आना। खासकर साँपो के स्वप्न बार-बार आना। 
  • परिवार के सदस्यों से बेवजह मतभेद होना। 
  • अपने से कमजोर दुश्मनों का भी आपके उपर हावी होना। 
  • गैस प्रॉब्लम. बाल झड़ना, उदर रोग, बवासीर, पागलपन, राजयक्ष्मा रोग, निरंतर मानसिक तनाव बने रहना।
  • नाखूनो का अपने आप ही टूटने लगना।
  • मस्तिष्क में दर्द बने रहना।
  • पागलखाने, दवाखाने या जेल जाना। 
  • अचानक से कोई बड़ी बीमारी पैदा होना और मृत्यु को प्राप्त हो जाना। 

ये सारे लक्षण अगर दिखें, तो समझ जाना चाहिए कि कुण्डली मे राहू दोष शुरू हो गया है।

उपायः राह दोष निवारण के लिए भैरव बाबा की उपासना करें, गोमेद का दान करें। 

9. केतु : कुण्डली मे केतु के कमजोर होने पर निम्न संकेत देखने को मिलते हैं।

  • व्यवसाय मे अचानक बहुत भारी नुकसान होना।
  • कर्ज मे डूबते जाना।
  • लड़ाई-झगड़े से हमेशा परेशान रहना।
  • आग के कारण आर्थिक क्षति होना जैसे, दुकान मे आग लगना या घर मे आग लगना। 
  • भाईयों से या माता-पिता से मतभेद हो जाना। जीव-जंतुओं से समान्य से अधिक खौफ होना या किसी जानवर के काटने का भय सताना। 
  • पेशाब की बीमारी होना। 
  • संतान उत्पति में रुकावट आना। 
  • सिर के बाल झड़ जाना।
  • शरीर की नसों में कमजोरी आ जाना।
  • चर्म रोग होना।
  • कान खराब हो जाना या सुनने की क्षमता कमजोर पड़ जाना।
  • कान, रीढ़, घुटने, जोड़ आदि में समस्या उत्पन्न होना। 

ये सभी लक्षण केतु के अशुभ होने के संकेत हैं। इस तरह के लक्षण दिखे तो केतु के दोष निवारण का उपाए अवश्य करें। 

उपायः केतु दोष निवारण के लिए लहसुनिया धारण करें, गरीब बच्चों को कपड़े आदि दान करें,मन्दिर में अपने हाथों से ध्वजारोहण करें। 

तो प्रिय पाठकों कैसी लगी आपको पोस्ट।आशा करते हैं कि आपकों पोस्ट पसंद आई होगी। ऐसी ही रोचक जानकारियों के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी। 

तब तक के लिए आप हंसते रहिए,मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए। 

धन्यबाद 

जय श्री राम 

हर हर महादेव 

आपके प्रश्न 

प्रश्न- मानसिक रोग किस ग्रह के कारण होता है

उत्तर- चंद्रमा और शनि ग्रह 

प्रश्न- डर किस ग्रह के कारण लगता है?

उत्तर- चंद्रमा और राहु ग्रह 

प्रश्न- किडनी रोग किस ग्रह के कारण होता है? 

उत्तर- शुक्र ग्रह 

प्रश्न- पेट रोग किस ग्रह के कारण होता है? 

उत्तर- बृहस्पति ग्रह 

प्रश्न- दाद, खाज खुजली किस ग्रह के कारण होता है?

उत्तर- बुध और गुरु ग्रह 

प्रश्न- थायराइड किस ग्रह से होता है? 

उत्तर- मंगल,बुध और सूर्य ग्रह 

प्रश्न- क्रोध की अधिकता कौन से ग्रह के कारण होती है?

उत्तर- चंद्रमा, शनि, राहु, मंगल और सूर्य 

प्रश्न- भाग्य के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है? 

उत्तर- गुरु (बृहस्पति) ग्रह 

प्रश्न- गरीबी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है? 

उत्तर- बुध,शनि और बृहस्पति 

प्रश्न- कौन सा ग्रह अचानक धन देता है?

उत्तर- मंगल, सूर्य,शनि और गुरु 

प्रश्न-.किस ग्रह से कर्ज बढ़ता है?

उत्तर-शनि व मंगल ग्रह 

प्रश्न- कौन सा ग्रह भारी धन देता है?

उत्तर- बुध,शुक्र,शनि व बृहस्पति ग्रह 

प्रश्न- कौन सा ग्रह गरीबी देता है?

उत्तर- शनि,मंगल और राहु ग्रह 

प्रश्न- कौन सा ग्रह अमीर पति देता है?

उत्तर- शुक्र ग्रह 

प्रश्न- सबसे अमीर ग्रह कौन सा है?

उत्तर- बृहस्पति ग्रह 

प्रश्न- धन हानि के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

उत्तर- मंगल 

प्रश्न- कौन सा ग्रह धन का संकेत देता है?

उत्तर- शुक्र 

प्रश्न- सबसे ज्यादा खतरनाक ग्रह कौन सा है?

उत्तर- शनि और राहु 

प्रश्न- कौन सा ग्रह सबसे शक्तिशाली है?

उत्तर- बृहस्पति 

प्रश्न- सबसे बड़ा शुद्र ग्रह कौन सा है?

उत्तर- सेरेस (ब्रह्मांड में घूमने वाला एक खगोलिय पिंड)

प्रश्न- सबसे पवित्र ग्रह कौन सा है?

उत्तर- बृहस्पति 

प्रश्न- सबसे सुंदर ग्रह कौन?

उत्तर- शनि ग्रह 

प्रश्न- सबसे ज्यादा चमकने वाला ग्रह कौन सा है?

उत्तर- शुक्र ग्रह 

प्रश्न- सबसे ज्यादा प्यार करने वाला ग्रह कौन सा है?

उत्तर- शुक्र ग्रह 

प्रश्न- सबसे ठंडा ग्रह कौन सा है?

उत्तर- मंगल ग्रह 

प्रश्न- ग्रहों का राजा कौन है?

उत्तर- सूर्य ग्रह 

प्रश्न- ग्रहों की रानी कौन है?

उत्तर- चाँद ग्रह 

प्रश्न- मनुष्य के लिए कौन सा ग्रह सुरक्षित है?

उत्तर- पृथ्वी ग्रह 

प्रश्न- अचानक मृत्यु के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है?

उत्तर- शनि और राहु ग्रह 

प्रश्न- मां के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

उत्तर- चंद्रमा ग्रह 

प्रश्न- कौन सा ग्रह पुरुष संतान देता है?

उत्तर- सूर्य और बृहस्पति ग्रह 

प्रश्न- कन्या प्राप्ति के लिए कौन सा ग्रह होता है?

उत्तर- बुध ग्रह 

प्रश्न- किस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति बुद्धिमान होते हैं?

उत्तर- धनिष्ठा नक्षत्र में 

प्रश्न- अशुभ नक्षत्र कौन सा है?

उत्तर- मघा,भरणी,कृतिका और आश्लेषा नक्षत्र 


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