बच्चों का गलत रास्ते पर जाना, कारण और समाधान

दोस्तो! सबसे पहला point या कारण तो परिवार का माहौल ही होता है। परिवार का माहौल बच्चों की परवरिश और उनके विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिकतर घर.....

बच्चों का गलत रास्ते पर जाना: आइये जाने कारण और समाधान

बच्चों का गलत रास्ते पर जाना, कारण और समाधान
बच्चों का गलत रास्ते पर जाना, कारण और समाधान

प्रिय पाठकों! जैसा कि आप जानते है कि आज समाज मे एक बीमारी सी फैली हुई है और वो है बच्चों का गलत रास्ते पर जाना। जी हां, दोस्तों ये एक गंभीर समस्या है जो समाज और परिवार दोनों के लिए चिंता का विषय बनी हुई  है। 

अधिकतर माँ बाप ऐसे है जिनके बच्चें इतने गलत रास्ते पर जा चुके है कि उन्हें सही रास्ते पर वापस लाना नामुमकिन सा हो गया है। वे उनके व्यवहार से  दुःखी है, परेशान है।पर लाचार है कि आखिर करें तो करें क्या। इसी चिंता मे उन्हें नींद नहीं आती और रातभर रोते हैं । 

दोस्तों! आज की इस पोस्ट में हम यही जानने और समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर ऐसा क्या कारण है? जो बच्चे गलत रास्ते पर चले जाते हैं। और क्या इसका कोई समाधान है। या ऐसे ही बच्चों को बिगड़ने दिया जाए। 

सच्चे दोस्त होते है पिता/पिता का महत्त्व

नहीं दोस्तों! जीवन मे ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका समाधान न हो। हर समस्या का हल होता है। हां, ये हो सकता है कि हल देर से निकले पर निकले का जरूर। क्योंकि जीवन मे सबकुछ सम्भव है, असंभव कुछ भी नहीं ।

आखिर क्यों? बच्चे गलत रास्ते पर चले जाते हैं।

प्रिय पाठकों! यहां कुछ points दिये गये हैं, जिनसे आप समझ पाए कि कारण क्या है बच्चों का गलत रास्ते पर जाने का। कृपया ध्यान पूर्वक पढ़ें।

1. परिवार का माहौल

दोस्तो! सबसे पहला point या कारण तो परिवार का माहौल ही होता है। परिवार का माहौल बच्चों की परवरिश और उनके विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिकतर घर होते हैं जहां आये दिन झगडे होते रहते है। माता-पिता ये नही सोचते की इसका उनके बच्चे पर क्या असर पड़ेगा। 

यदि परिवार में लगातार झगड़े होते रहेंगे या माता-पिता का ध्यान बच्चों पर नहीं होगा, तो बच्चे भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाएंगे। इस स्थिति में वे गलत संगति में पड़ जाते हैं और गलत काम करने लगते हैं। ऐसी स्थिति मे माता-पिता को चाहिये कि वे अपने बच्चों के साथ समय बिताए और उनके साथ एक सकारात्मक संबंध बनाए।

2. ध्यान की कमी

दूसरा कारण होता है माता-पिता की तरफ से बच्चे के प्रति ध्यान न दे पाना। आजकल के व्यस्त जीवन में माता-पिता के पास बच्चों के लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है। बच्चे जब यह महसूस करते हैं कि कोई उनकी परवाह नहीं करता, तो वे बाहर किसी और से ध्यान पाने की कोशिश करते हैं। 

यह ध्यान अक्सर गलत लोगों से मिलता है, जो उन्हें गलत रास्ते पर ले जाते हैं। माता-पिता को बच्चों की भावनाओं को समझना चाहिए और इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उनका बच्चा खुश तो है, कहीं उसे कोई परेशानी तो नहीं। उनके साथ दोस्त जैसा व्यावहार करें ताकि बच्चे अपनी हर बात आपसे शेयर कर सकें। 

3. शिक्षा और स्कूल का प्रभाव

तीसरा कारण है स्कूल से मिली शिक्षा और वहां का वातावरण। जैसा की आप सभी जानते हैं कि स्कूल बच्चों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि स्कूल का माहौल ठीक न या बच्चे को वहां किसी मानसिक तनाव का सामना कर रहा हो, तो ऐसे मे  वे गलत रास्ते पर जा सकते हैं। स्कूल को एक सकारात्मक और सुरक्षित वातावरण देना चाहिए ताकि बच्चे मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।

4. दोस्त और संगति

चौथा कारण बच्चों का गलत रास्ते पर जाने का एक मुख्य कारण उनकी संगति होती है। अगर बच्चे गलत दोस्तों के संपर्क में आ जाते हैं, तो वे भी उन्हीं की तरह व्यवहार करने लगते हैं। माता-पिता को अपने बच्चों के दोस्तों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए और उन्हें सही संगति के महत्व को समझाना चाहिए।

5. समाज और मीडिया का प्रभाव

पांचवां कारण है दोस्तों, समाज और मीडिया। समाज और मीडिया भी बच्चों के जीवन पर बड़ा गहरा प्रभाव डालते है। आजकल टीवी, इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चे बहुत सारी जानकारी प्राप्त करते हैं,और जो जानकारी वो प्राप्त करते है, ये जरूरी नही की वो हमेशा सही हो। हिंसक वीडियो गेम, फिल्में और नकारात्मक कंटेंट बच्चों को गलत दिशा में ले जा सकते हैं। इसलिए माता-पिता का कर्तव्य बनता है कि, वे इस पर ध्यान दें कि उनके बच्चे क्या देख रहे हैं और पता चलने पर उन्हें सही जानकारी प्राप्त कराए 

6. आत्मविश्वास की कमी 

छठा कारण है बच्चों मे आत्मविश्वास की कमी। जब बच्चे आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं, तो वे गलत काम करके खुद को सही साबित करने की कोशिश करते हैं। यह आत्मविश्वास की कमी कई बार उनके द्वारा की गई छोटी-छोटी गलतियों को बड़े अपराधों में बदल सकती है। माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उनकी प्रशंसा करनी चाहिए। आइए अब बात करते हैं इनके समाधानों की। 

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समाधान

सकारात्मक संवाद - माता-पिता बच्चों के साथ नियमित रूप से बात करें और उनके विचारों और समस्याओं को सुनें व समझे। इससे बच्चों को यह महसूस होगा कि आप उनकी परवाह करते हैं।

सही मार्गदर्शन 

बच्चों को सही और गलत की पहचान कराएं और उन्हें अच्छे और बुरे के बीच का अंतर समझाएं। ताकि वो निर्णय लेने मे सक्षम हो सके। 

समय और ध्यान 

बच्चे आपसे निश्चिंत होकर अपनी बात बता सकें ,इसके लिए माता-पिता को चाहिए कि, वे बच्चों को पर्याप्त समय और ध्यान दें। उनके साथ खेलें, पढ़ें और उनकी अन्य गतिविधियों में भी शामिल हों। ऐसा करने से बच्चे के मन से डर दूर होगा और वो  आपसे निश्चिंत होकर अपनी बात कर सकेंगे। 

सुरक्षित वातावरण 

घर और स्कूल में एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण बनाएं।

प्रशंसा और प्रोत्साहन 

बच्चों के छोटे-छोटे प्रयासों की भी प्रशंसा करें और उन्हें प्रोत्साहित करें। जैसे बच्चे ने अगर ऐसा कोई काम कर दिया है, जो आपके मुकाबले मे धीमा है,आपको लगता है कि वो और अच्छा कर सकता था,लेकिन उसने किया नहीं, तो भी ऐसी स्थिति me उसे नीचा दिखाने की बजाय, उसे डांटने की बजाय उसकी तारीफ करें। उसे और अच्छा करने के लिय प्रोत्साहित करें। 

निष्कर्ष

बच्चों का गलत रास्ते पर जाना एक जटिल समस्या है, जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। परिवार, स्कूल, दोस्त और समाज का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। माता-पिता, शिक्षक और समाज के सभी लोगों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके। सही मार्गदर्शन, प्यार और समर्थन से बच्चे सही रास्ते पर चल सकते हैं और एक सफल जीवन जी सकते हैं।

So , dear readers हम आशा करते हैं कि आपको पोस्ट पसंद आई होगी। हम उम्मीद करते हैं कि आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा। फिर भी यदि कोई शंका हो तो आप कमेंट कर सकते हैं। vishvagyaan मे अगली पोस्ट के साथ फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिय आप हंसते रहिए,मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए। 

धन्यवाद 

जय श्रीराम 

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