moral story apni chijon ki kadar karen

हर हर महादेव !प्रिय पाठकों 

कैसे है आप लोग ?आशा करते है आप सभी लोग अच्छे ही होंगे। आशुतोष भगवान शिव आप सभी का कल्याण करें। उनका आशीर्वाद आप सभी को प्राप्त हो। 

इस कहानी में आप पाएंगे -

कहानी 

शिक्षा 

प्यारे बच्चो एवं प्रिय पाठकों ! आज की ये कहानी एक बच्चे पर आधारित है। जिसको की पढ़ना बिल्कुल भी पसंद  नहीं था इसके अलावा वो अपनी चीजों की कदर भी नहीं करता था। बहुत ही अच्छी कहानी है। चलिए हम सब मिलकर पढ़ते है। 

कहानी -- अपनी चीजों की कदर करें व उनका मोल समझे।

 

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चिका एक बहुत ही प्यारा लड़का था।लेकिन वह हमेशा अपनी चीजों को फेंक देना चाहता था जब भी वे थोड़ी पुरानी या क्षतिग्रस्त(खराब ) हो जाती थीं और वह अपनी माँ से इसके बदले उसे नया खरीदने के लिए कहता।एक बार एक जैकेट जो की चिका को पसंद नहीं थी। उसे लेकर अपनी माँ के पास गया और बोला  माँ, मुझे यह जैकेट नहीं चाहिए। अब ये मुझे पसंद नही। देखो न  इसका तो एक बटन भी उतर आया। कृपया मुझे एक नया जैकेट ला दो न। और एक नई टॉय कार भी चाहिए। इस पर ये एक खरोंच है।

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जब चीका ने इस तरह का व्यवहार किया तो चीका की माँ को चिंता हुई। वो बोली !चिका, बेटा आप अपनी चीजों को सिर्फ इसलिए नहीं फेंक सकते क्योंकि वे थोड़े ख़राब हो गए हैं। आपको उनसे प्यार करना चाहिए और उनकी देखभाल करना सीखना चाहिए। आखिरकार, वे इतने लंबे समय से आपके हैं और उन्होंने आपको बहुत खुशी दी है। हम जैकेट पर  दूसरा नया बटन सिल सकते हैं। और कार को भी पेंट कर सकते है। ऐसा करने से इस पर एक भी खरोच नहीं दिखेगी । लेकिन चिका ने माँ की एक नहीं सुनी।और वहां से चला गया। 

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चिका जाते -जाते अपने आप से कहता -नहीं!  मैं उन्हें नहीं चाहता। मुझे नई चीजे चाहिए। उसने अपनी पुरानी चीजों को एक तरफ रख दिया और अब उनकी परवाह नहीं की।एक दिन, चिका ने अपनी माँ को लाल रंग की पोशाक (कपड़े ) पहने देखा।  जो की देखने में बहुत पुरानी  लग रही था।चीका ने देखा कि उस कपड़े  पर एक पैच (फटी जगह पर दूसरा कपड़ा लगाना ) भी था। चिका मन में सोचता की -माँ ने यह पैच लगे हुए कपड़े  क्यों पहने है?  यह बहुत पुराना लग रहा है। चिका ने अपनी माँ से कपड़े के बारे में पूछने का फैसला किया।

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वह माँ के पास गया और बोला कि - माँ, तुमने यह कपड़े क्यों पहने है?  यह तो बहुत पुराना लग रहा है। आपको इसे फेंक देना चाहिए और एक नया ड्रैस खरीद लेना चाहिए। चिका की माँ मुस्कुराई। और बोली -नहीं, चिका! मुझे यह कपड़े बहुत ही पसंद है क्योकि यह मेरा पसंदीदा  है।यह मेरे लिए बहुत खास है। तुम्हारे पैदा होने के तुरंत बाद तुम्हारे डैडी ने इसे मेरे लिए खरीदा था। चिका ने कहा -सचमुच? माँ बोली -हाँ, चिका।और क्या आप जानते हैं कि मैंने इसे पहली बार कब पहना था? चिका ने पूछा - कब माँ?

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माँ ने कहा -- यह आपके पहले जन्मदिन पर था! सचमुच?  हाँ, चिका। जब आप बच्चे थे तब लाल आपका पसंदीदा रंग था। और जब भी तुम मुझे इस कपड़े में देखते थे तो तुम्हें बहुत खुशी होती थी । इसके अलावा जब भी मैं यह कपड़े  पहनती तो आप मुझे हर बार अपने साथ ले जाने के लिए कहते । चिका की माँ ने उसे पोशाक के बारे में और भी बहुत सी बातें बतायी । चिका, क्या आप जानते हैं कि जब आप पहली बार बोलना सीखे  थे,

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तो आप इस कपड़े की ओर इशारा करते थे और कहते थे 'लाल'।लाल!  हाँ !माँ मुझे याद है।  अब! चिका की माँ ने चिका को उसके  पहले जन्मदिन की पार्टी की तस्वीरें दिखाईं। और उसने देखा कि माँ लाल कपड़ो में कितनी सुंदर लग रही थी। तुम देखो, माँ! आप इस ड्रेस में बहुत खूबसूरत लग रही थीं। और तुम भी देखो, चिका। तुम भी बहुत ही गोल-मटोल और प्यारे थे। बिल्कुल टेडी बियर की तरह। और देखो कि तुमने  यहाँ मेरे  लाल कपड़े कैसे पकड़ रखे है ।

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हां! माँ। अब चीका को समझ में आने लगा कि उसकी माँ ने ड्रैस को इतने लंबे समय तक क्यों संभाल कर रखा था। माँ फिर से बोली - हर बार जब भी मैं इस  ड्रेस को पहनती हूं, चिका, तो मुझे याद आता है कि हमने एक साथ कितना अच्छा समय बिताया है। और मुझे इस पोशाक से और भी ज्यादा प्यार हो जाता है। चिका बोला ! मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूं मां! और मुझे भी यह पोशाक बहुत पसंद है! कृपया इसे फिर से पहनें। इसे कभी भी फेंके नहीं। मैं अब आपको परेशान भी नहीं करूँगा। 

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उस दिन से , चिका ने अपने सभी कपड़ों और खिलौनों से प्यार करना सीख लिया, चाहे वे कितने भी पुराने क्यों न हों।और अगर वे थोड़े ही खराब हो गए हो , तो चिका ने उन्हें ठीक किया और उन्हें फिर से इस्तेमाल किया।चिका हमेशा अपनी पुरानी चीजों की तारीफ़ करता।  मेरी कार नई जितनी अच्छी है! और मुझे यह जैकेट बहुत पसंद है। इसने मुझे हमेशा इतना गर्म रखा है। चिका एक अच्छा लड़का होने के बावजूद उसमे एक कमी ये भी थी कि -वो पढ़ाई से बोर बहुत होता था।  जब भी  घर का काम (स्कूल होमवर्क )करने की बात आती थी तो वह बहुत आलसी हो जाता था। जब भी होमवर्क करने बैठता तो बोर होकर कहता --

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ओह,ये  होमवर्क कितना उबाऊ है! मैं तो थक गया। क्यों न मैं पहले थोड़ा खेल लूँ और बाद में अपना होमवर्क कर लूंगा।  चिका हमेशा बहाने बनाता था। जब उसकी माँ ने उसे अपना होमवर्क खत्म करने के लिए कहा। चिका, पहले  अपना होमवर्क  पूरा करो ।आपके पास केवल कुछ समय बचा  हैं। पर चिका ने कहा - मैं इसे बाद में करूँगा, माँ। मैं अब सचमुच थक गया हूँ। चिका ने तब भी कहानियाँ बनाईं जब उसके शिक्षक ने उसका गृहकार्य देखने के लिए कहा। चिका, चलो  मुझे अपना गृहकार्य (होमवर्क ) दिखाओ।

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चिका ने बहाना बनाते हुए कहा - मेरे कुत्ते ने इसे खा लिया, मिस डोरोथी। एक दिन चिका की माँ मिस डोरोथी से मिलीं। वह चिका की पसंदीदा शिक्षिका थी।उन्होंने टीचर से कहा - मिस डोरोथी! चीका अपना होमवर्क कभी नहीं करता ।मैं उसे कितनी भी बार बोलूँ ,वो सुनता ही नहीं । इस पर मिस डोरोथी बोली ,मेरे पास एक  विचार है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ करेंगे कि चीका हमेशा आगे जाकर अपना होमवर्क करे।मिस डोरोथी ने उस दिन बच्चों को गृहकार्य दिया।बच्चों, कृपया आज अपना गृहकार्य पूरा जरूर करें ।

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यह बहुत ज़रूरी है। मैं कल इसकी जाँच करूँगी ।हाँ, मिस डोरोथी।लेकिन मिस डोरोथी द्वारा उसे याद दिलाने के बाद भी,चिका ने उस दिन अपना होमवर्क नहीं किया।अगले दिन, मिस डोरोथी ने कक्षा के लिए एक घोषणा की।बच्चों, मेरे पास आपके लिए एक सरप्राइज है।प्रिंसिपल ने आप सभी को स्कूल के बगीचे में आने के लिए आमंत्रित किया है।स्कूल का बगीचा?हां!  वहाँ तुम सब माली बनना सीखोगे।आपको विशेष टोपियाँ और उपकरण(औज़ार ) मिलेंगे।

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और कुछ वास्तविक बागवानी करने का मौका है।बच्चे उत्साहित थे।खासकर चिका।वह बगीचे में जाने का इंतजार नहीं कर सकता था।बागवानी करना उसके पसंदीदा कामों में से एक था।हम किस समय बगीचे में जा रहे हैं, मिस डोरोथी?ठीक होमवर्क चैक करने के बाद -पहले मैं सभी का होमवर्क चेक करती हूं।प्रिंसिपल ने कहा है कि वह केवल उन बच्चों को लेगी जिन्होंने अपना होमवर्क पूरा कर लिया है, बगीचे में जाने के लिए। तो बच्चों, कृपया मुझे अपना गृहकार्य दिखाएँ।

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चिंकी और अन्य बच्चों ने मिस डोरोथी को अपना गृहकार्य दिखाया।मैंने अपना गृहकार्य पूरा किया, मिस डोरोथी।ये लीजिये हमारी नोटबुक पास है। लेकिन चिका ने अपना गृहकार्य नहीं किया था।और इसलिए केवल चिका ही था  जिसे बगीचे में जाने की अनुमति नहीं थी।मैं भी माली बनना चाहूंगा , मिस डोरोथी।यदि आप आज अपना गृहकार्य करते हैं, चिका, तो हम सब कल बगीचे में वापस जा सकते हैं। उस शाम चिका ने अपना गृहकार्य स्वयं किया।

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चिका की मां को  एक बार भी याद दिलाने की जरूरत नहीं पड़ी। अगले दिन, चीका ने तुरंत अपना गृहकार्य मिस डोरोथी को दिखाया।मैंने अपना होमवर्क कर लिया है, मिस डोरोथी।बढ़िया काम, चिका।आज आपको भी माली बनने को मिलेगा।मिस डोरोथी कक्षा को फिर से बगीचे में ले गई।और इस बार, चिका को एक टोपी और औजार भी मिले।और उन्होंने अपने सभी दोस्तों के साथ बागवानी का मजा लिया।

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उस दिन से, चिका प्रतिदिन अपना गृहकार्य स्वयं करने लगा। अब मिस डोरोथी और चीका की माँ दोनों ने उस पर बहुत गर्व महसूस किया।

शिक्षा -- बच्चो इस कहानी से  ये सीख मिलती है की सभी को अपना स्कूल होमवर्क समय पर पूरा करना चाहिए। जिस तरह खेलना जरूरी है ,उसी तरह पढ़ाई भी जरूरी है। आलसी बनना अच्छी बात नहीं। पढ़ाई से दूर भागना और बोर होना भी अच्छी बात नहीं। 

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प्रिय पाठकों !आशा करते है की आप सभी को ये कहानी अच्छी लगी होगी। इसी के साथ विदा लेते है। विश्वज्ञान में अगली पोस्ट के साथ फिर मुलाकात होगी। 

धन्यवाद।


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